मंदिरों में जहा लोग बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान के दर्शन करने जाते हैं वहीं भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां जाने से लोग डरते हैं।

ऐसा एक मंदिर उत्तराखंड में है, जहां लोग जाने से डरते हैं। यहां पर भक्त मंदिर से करीब 30 मीटर दूरी से ही पूजा करते हैं।

उत्तराखंड के देवाल स्थित पर्यटन अंधी आस्था के चलते धार्मिक स्थल वाण के लाटू मंदिर में श्रद्धालु अंदर प्रवेश नहीं करते हैं, बल्कि भक्त मंदिर से 30 मीटर दूर परिसर में ही रहकर पूजा करते हैं। अंधी आस्था के चलते मंदिर में आंख पर पट्टी बांधकर केवल पुजारी प्रवेश करता है। इसी रहस्य और अंधी आस्था से यहां हर साल हजारों श्रद्धालु जुटते हैं और आज तक कोई भी भक्त मंदिर के अंदर नहीं गया
ग्रामीण हीरा सिंह ने बताया कि 5 से 7 की संख्या में गांव के लोग, कुल पुरोहित तथा लाटू के पुजारी देव स्तुति करते हैं। यहां से मंदिर में प्रवेश केवल मंदिर के पुजारी आंख पर पट्टी बांधकर ही करते आए हैं। अगर मंदिर के अंदर पुजारी बिना आंखों पर पट्टी पर बांधकर जाता है तो वहां से एक तेज रोशनी निकलती है जिससे व्यक्ति अंधा हो जाता है। इसलिए यहां पुजारी हमेशा आंखों पर पट्टी पर अंदर जाता है।

वाण में एक परंपरा और भी है। यहां के लोग अपनी बेटियों की विदाई डोली से नहीं बल्कि घोड़े पर बैठाकर करते हैं। इस गांव के लोग लाटू देवता और भगवती को अपना ईष्ट मानते हैं। मान्यता है कि इस गांव से राजजात यात्रा तथा लोकजात यात्रा में भगवती की डोली को ग्रामीण कैलाश ले जाते हैं। गांव के पान सिंह के अनुसार डोली में देवी के अलावा किसी को नहीं बैठाया जाता है, इसलिए बेटियों को घोड़े पर विदा किया जाता है।

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