यहां राष्ट्रपति भैंस चराते हैं तो प्रधानमंत्री गोबर उठाते हैं, जानिए अजीबो गरीब जगह , राजस्थान के बूंदी जिले में एक गांव है, रामनगर। मात्र 500 की आबादी वाले इस गांव के अधिकांश लोगों के नाम अजीबो-गरीब हैं। गांव में ज्यादातर कंजर और मोंगिया समुदाय के लोग रहते हैं गांव वाले उन्हें उन्हीं नामों से पुकारते व पहचानते हैं। इन नामों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल तक हैं।
गांव के लोग आपसी चर्चा में अक्सर कहते हैं कि राष्ट्रपति बकरी चराने गया है तो प्रधानमंत्री शहर में जरुरी सामान लेने। उसी तरह से सैमसंग व एंड्रॉइड फोन ठीक करने वाले को डॉक्टर व उनकी बीमारी को दस्त लगना कहते हैं। गांव में शीर्ष पदों, उच्च दफ्तरों व मोबाइल ब्रांड के नाम पर नाम रखना नई बात नहीं है।
गांव में कांग्रेस नाम के एक व्यक्ति ने इंदिरा गांधी के प्रभावित होकर परिजनों के नाम सोनिया, राहुल व प्रियंका रख दिए। एक विकलांग का नाम इसलिए हाई कोर्ट रख लिया गया, क्योंकि उसके जन्म के समय दादा को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
बूंदी का ही एक और गांव है नैनवा। यह मौगिया व बंजारा समुदाय का है। यहां के लोगों ने अपने बच्चों के नाम मोबाइल ब्रांड व एसेसरीज पर रखे हैं। कई लोगों के नाम नोकिया, सैमसंग, सिम कार्ड, चिप आदि हैं। जिले के अरनिया गांव की महिलाओं व लड़कियों के नाम अलग तरह से रखे गए हैं। इनमें कुछ खास हैं, नमकीन, फोटोबाई, जलेबी, मिठाई।
कुछ खास चर्चित नाम : कलेक्टर, आईजी, एसपी, हवलदार, मजिस्ट्रेट, सिम कार्ड, चिप, जियोनी, सोनिया, राहुल, प्रियंका, नोकिया, सैमसंग, हनुमान पुत्र, नमकीन, फोटो बाई, मिठाई और फालतू।
एक बार गांव में जिला कलेक्टर पहुंचे तो एक महिला उनका रुतबा देखकर इतनी प्रभावित हुई कि उसने अपने पोते का नाम कलेक्टर ही रख दिया। यह बात और है कि 50 साल का यह कलेक्टर कभी स्कूल नहीं गया है।
गांव के एक शिक्षक ने बताया कि कई लोग अवैध गतिविधियों से जुड़े हैं। उनका कोर्ट-थाने में चक्कर लगता रहता है। वहां अफसरों की प्रतिष्ठा से प्रभावित होकर उन्होंने अपने परिजनों के नाम आइजी, एसपी, हवलदावर व मजिस्ट्रेट रखे हैं।