यक्षी अपनी शारीरिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए जंगल में भटके हुए पुरुषों को अपने वश में कर लेती है और संभोग के बाद उसे मौत के घट उतार देती है। केरल की लोककथाओं के अनुसार यक्षी हमेशा अपने हाथों में चमेली का फूल रखती है और इस फूल की खुशबू ही यक्षी के आसपास होने का अहसास करवाती है।
यक्षी को काबू करना किसी के वश में नहीं। लोहे की छड़ एकमात्र ऐसी चीज है जिससे यक्षी दूर रहती है। बड़े से बड़ा तांत्रिक या ओझा भी यक्षी को अपने नियंत्रण में नहीं कर पाया।
केरल की प्रचलित लोक कथाओं, कविताओं, स्थानीय नाटकों और कहानियों में यक्षी का जिक्र उपलब्ध है। यह एक पौराणिक चरित्र है जिस पर आज भी वहां के लोग पूरा विश्वास करते हैं।