टीचर अनुसन्ना तिर्की बताती हैं कि जब कभी यहां शव दफनाए जाते हैं तो स्कूल की पढ़ाई ठप रखनी पड़ती है। ऐसे समय दो शिक्षकों के साथ 89 छात्रों को एक कमरे में बंद रहना होता है, तब तक जब तक शव दफनाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाए। आईनेक्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार कब्रिस्तान में स्कूल के मामले को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक रेणुका तिग्गा भी कुछ करने मे असमर्थ है।