खुद के हौसले से बदली अपनी किस्मत, बनाई 270 करोड़ की कंपनी। एक समय था जब मां ने इस बेटी से साफ मना कर दिया कि ये काम मत कर क्योकि जब कोई मुझसे ये पुछेगा कि रिचा क्या काम करती है तो मैं क्या बताउंगी। अंतर्वस्त्र पर बात करना जहां भारत में शर्म की बात मानी जाती है वहां इसको बेचने के बारे में किसी लड़की की सोच को सच में सलाम करने की जरूरत है। ये कहानी है जिवामे की फाउंडर और सीईओ रिचा कर की। इस वेंचर को शुरू करने में उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

शुरुआत में तो उन्हें अपने घर से ही विरोध झेलना पड़ा। उनकी मां ने बेटी का ये कहकर विरोध किया कि मैं अपनी सहेलियों को कैसे बताउंगी कि मेरी बेटी ब्रा-पैंटी बेचती है। रिचा बताती हैं कि उनके पिता को तो समझ ही नहीं आया कि वो कौन सा काम करना चाहती हैं।लोगो को जब उनके इस बिजनेस के बारे में पता चला तो वो इस पर हंसते थे। शुरुआती दौर में तो उन्हें बिजनेस के लिए जगह ढूंढने में भी समस्या हुई। किराए पर मकान लेते समय भी मकान मालिक के बिजनेस के बारे में पूछने पर वो उससे इतना ही कह सकीं कि वो ऑनलाइन कपड़े बेचती हैं।

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