इस गुफा से जुड़ा है गणेश जी के कटे हुए सिर का रहस्य। यह बात तो सभी जानते है कि गणेश जी का सिर कटा और विष्णु भगवान द्वारा गणेश जी के धड़ से गजासुर का सिर जोड़ा गया। लेकिन क्या आपके मन में यह सवाल नहीं उठता है कि गणेश जी के कटे हुए सिर का क्या हुआ।
आखिर कहाँ गया गणेश जी कटा हुआ सिर, अगर आप उस कटे हुए सिर को देखना चाहते हैं तो आपको उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित एक गुफा के अंदर जाना होगा। यहाँ पर न सिर्फ आपको गणेश जी के कटे हुए सिर दिखेंगे बल्कि कई ऐसे दृश्य दिखेंगे जो आपको हैरत में डालने के लिए काफी है। इस रहस्यमयी गुफा की खोज धरती पर भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले आदिगुरू शंकराचार्य को माना जाता है।
यह एक ऐसी गुफा है जिसके वहां मौजूद होने की कल्पना करना भी आम आदमी के लिए मुश्किल हो सकता था क्योंकि यह पहाड़ी से करीब 90 फीट अंदर पाताल में मौजूद है। इसमें प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को जंजीर का सहारा लेकर अंदर जाना पड़ता है। इस रहस्यमयी गुफा में आप जाएंगे तो देखकर हैरान रह जाएंगे कि गुफा में करीब 33 करोड़ देवी-देवता मौजूद हैं।
यानी यह गुफा अपने आप में पूरा का पूरा देवलोक है। इसी गुफा में एक स्थान पर गणेश जी का कट हुआ सिर भी रखा हुआ है। इस गुफा का नाम है पाताल भुवनेश्वर गुफा यानी संसार के मालिक ईश्वर की गुफा। भगवान शिव ने अपने पुत्र के कटे हुए सिर की तृप्ति के लिए यहां सहस्रकमल दल की स्थापना की है ऐसी मान्यता है।
इस कमल दल से जल की बूंदें भगवान गणेश के सिर पर टपकती है। कमल के मध्य से टपकती हुई बूंद सीधे गणेश जी के मुंख में जाती है। कुदरत के इस अद्भुत दृश्य को देखकर आप हैरत मे पड़ जाएंगे। गणेश जी के पास ही अमरनाथ, केदारनाथ और बद्रीनाथ की भी प्रतिमूर्ति यानी सिर्फ इस गुफा में आने से आप बदरी, केदार और अमरनाथ के दर्शन का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
गुफा में एक स्तंभ भी है जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका आकार बढ़ता जा रहा है जिस दिन यह स्तंभ बढ़कर ब्रह्माण्ड स्तंभ का स्पर्श कर लेगा उस दिन कलियुग समाप्त हो जाएगा। इस गुफा को आप देखेंगे तो आपको ऐसा भी दिखेगा मानो शेष नाग अपने फन फैलाए हुए हैं और आप उनके ऊपर से चलते हुए जा रहे हैं।