इस अखाड़े में देश के कोने-कोने से बड़े बड़े पहलवान आते हैं। यहां आने वाले पुरुष पहलवानों में फरकिया के सिराज, रामउद्गार पहलवान, बक्सर के राजकुमार, कानपुर के शिवप्रसाद, गोरखपुर के अजय पहलवान, पंजाब के मंजीत सिंह, हरियाणा के आनंद पहलवान, राजवीर पहलवान, फैजाबाद के केशव बाबा आदि प्रमुख हैं।

 

इस आयोजन की एक खास बात और है और वय ये कि पूरे आयोजन को कराने में किसी प्रकार की सरकारी मदद नहीं ली जाती। श्रीकेसरी नंदन व्यायामशाला के उद्घोषक कृष्णमोहन सिंह मुन्ना कहते हैं कि जन सहयोग से ‘दंगल’ को सफल बनाया जाता है। हां, गोशाला मेला समिति जरूर बढ़-चढ़कर मदद देती है।

इस आयोजन की परंपरा के पारे में गोरखपुर से आए अजय पहलवान कहते हैं, “दस वर्षों से खगडिय़ा आ रहा हूं। खगडिय़ा का नाम सुनकर ही देश के पहलवान यहां आ जाते हैं। यहां की जनता बहुत ही आदर और इज्जत देती है। दंगल देखने हजारों की भीड़ जुटती है। कुश्ती खेल जो लुप्त होने के कगार पर है, उसे यहां के लोगों ने बड़े जतन से बचाकर रखा है।”

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