देश में चाहे कोई भी सरकार क्यों ना बन जाए एक समस्या से लोग हमेशा परेशान होते रहेंगे। जी हां हम बात कर रहे हैं सड़क के गड्ढों की। सड़क बने हुए एक महिना नहीं होता कि उसमें बड़े बड़े गड्ढे हो जाते हैं। लेकिन अब आपको या सरकार को इन गड्ढों की टेंशन लेने की कोई ज़रूरत नहीं है। क्योंकि अब सड़के अपने गड्ढे खुद ही भर लिया करेंगी। नीदरलैंड से उन भारतीय लोगों के लिये खुशखबरी है जो रोज गड्ढों में घुस कर परेशान होते हैं। जनाब नीदलैंड के साइंटिस्ट्स ने खुद को ठीक कर लेने वाली सड़कें बना डाली हैं। ये सड़कें गड्ढे और दरारें खुद भर लेती हैं। जरूरत है इनके ऊपर इंडक्शन रोलर चलाने की। डच साइंटिस्ट्स सड़कों को गड्ढा-मुक्त रखने के लिए बैक्टीरिया की मदद भी ले रहे हैं। कोलतार यानी डामर की सड़कों पर बहुत छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। यह कोलतार की खूबी है और उसकी कमी भी। छिद्रों की वजह से ऐसी सड़कें शोर और गर्मी सोख लेती हैं। इन्हीं छिद्रों के कारण उनमें दरारें और गड्ढे भी जल्दी पड़ते हैं।
न्यूजीलैंड स्थित डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी में एक्सपेरिमेंटल माइक्रो-मैकेनिक्स के प्रमुख डॉ. एरिक श्लेन्जन सेल्फ-हीलिंग डामर पर प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने स्टील फाइबर मिलाकर डामर की एक नई किस्म तैयार की है। यह सुचालक होती है। जब इस प्रकार के डामर से बनी सड़क पर साधारण इंडक्शन रोलर चलाया जाता है तो सड़क अपने गड्ढे और दरारें खुद-ब-खुद भर लेती हैं। नीदरलैंड में इस तरह के विशेष डामर से 12 सड़कें बनाई गई हैं। जो सन् 2010 से काम कर रही हैं। स्टील फाइबर मिश्रित डामर हालांकि सामान्य डामर से 25 प्रतिशत महंगा होता है। लंबे समय के लिये यह बहुत फायदेमंद है।