एबी रोड पर देश के करीब 12 प्रदेशों के हजारों ट्रक होकर गुजरते हैं। ज्यादातर ट्रक ड्राइवर इस लंबे रूट पर वर्षों से सफर कर रहे हैं। ऐसे में सड़क किनारे के ढाबे वालों से एक दोस्ताना संबंध बन चुका है। यह दोस्ती तब काम आई जब इन ड्राइवरों को इसकी जरूरत पड़ी। इस दरियादिली से मालवी संस्कृति की छाप और गहरी हो गई।

 

छैगांवमाखन में ढाबा संचालक राजू शास्त्री ने कहा कि रोजाना 8 से 10 ऐसे ट्रक ड्रायवर और परिवार आ रहे हैं, जिनके पास खुल्ले रुपए नहीं रहते। ऐसे में उन्हें भरपेट भोजन कराते हैं और उनकी जब इच्छा होगी रुपए दे जाएंगे। जवाहरगंज मार्ग स्थिति किराना व्यवसायी संतोष पालीवाल ने बताया कि कई लोग दैनिक उपयोग का सामान लेने आ रहे हैं लेकिन उनके पास खुल्ले रुपए नहीं हैं। ऐसे में उनके द्वारा कुछ दिन बाद रुपए देने के भरोसे पर सामान दे रहे हैं। शादी व बड़े ऑर्डर के लोग चेक देकर सामान ले जा रहे हैं।

 

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