इस देशभक्ति को सलाम, 15 अगस्त, आज़ादी का दिन, कहते हैं कि इस दिन मुल्क को आज़ादी मिली थी। मिली होगी लेकिन क्या ये हकीकत है। आज़ादी की जंग हम अंग्रेज़ों से तो जीत गए और उसके बाद जिस आज़ादी के ख़्वाब बुने थे। वो ख़्वाब किरचों में बिखर कर रह गए। कृषि प्रधान देश होने के बावजूद हमारी पीढ़ियों को भरपेट भोजन नहीं मिलता। मंगल पर पहुंचिए चाहे बृहस्पति पर, असली तरक्की तो तब होगी जब हमारे मुल्क में कोई भूखा नहीं सोएगा।
भूख बड़ी है, बहुत बड़ी है लेकिन इसकी आड़ में देशभक्ति के जज्बे ने दम नहीं तोड़ा है। इस वीडियो में ऐसा ही कुछ दिखाने की कोशिश की है। उम्मीद है कि आप इस वीडियो के दोनों पहलू पर गौर करेंगे। पहला पहलू है भूख जिसके बारे में भरा पेट लिए हुए शख्स सोचता ही नहीं। दूसरा पहलू है देशभक्ति, इसकी भूख जितनी बढ़े उतनी कम और फिर देशभक्ति सिर्फ शोकेस में सजाने की चीज़ नहीं है। इस पर अमल करना होता है। इस छोटे बच्चे से इतना तो सीखा ही जा सकता है।