पड़ावा स्थित निजी नर्सिंग होम में बैंक अधिकारी नोट लेकर पहुंचे तो स्ट्रेचर पर लेटे छगनलाल के चेहरे पर चमक आ गई। छगनलाल से आहरण पर्ची पर हस्ताक्षर कराने के बाद उन्हें दो हजार के दो नोटों के साथ 100-100 के नोट के रूप में 20 हजार रुपए दिए। निर्मला बाई ने बताया कि पति छगनलाल रेलवे से सेवानिवृत्त हैं। महाराष्ट्र बैंक में उनकी पेंशन की राशि आती है।

ऑपरेशन के लिए डॉक्टर को 500 और 1000 रुपए के नोट दिए तो लेने से इनकार कर दिया था। बैंक ने मानवीयता के आधार पर मदद की है। छगनलाल का बैंक में खाता है। उनके ऑपरेशन के लिए रुपए की जरूरत थी। पत्नी निर्मलाबाई ने बैंक में आकर स्थिति से अवगत कराया। हमने मानवीयता के आधार पर नर्सिंग होम जाकर छगनलाल को 24 हजार रुपए उपलब्ध कराए हैं। छगनलाल चाहें तो चेक के माध्यम से खाते से और अधिक राशि निकाल सकते हैं।

 

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