सर्जिकल स्ट्राइक के मास्टर माइंड हैं अजीत डोभाल!

अजीत डोभाल की बड़ी उपलब्धियां

1980 के दशक में लालडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट के उग्रवाद को काबू करने के लिए अजीत डोभाल ने मोर्चा संभाला और ललडेंगा के 7 में से 6 कमांडरों को अपने साथ जोड़ लिया।

खुफिया एजेंसी रॉ के अंडर कवर एजेंट के तौर पर डोवाल 7 साल पाकिस्तान के लाहौर में एक पाकिस्तानी मुस्लिम बन कर रहे थे।

जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हुए आतंकी हमले के काउंटर ऑपरेशन ब्लू स्टार में जीत के नायक बने। वो रिक्शा वाला बनकर मंदिर के अंदर गए और आतंकियों की जानकारी सेना को दी, जिसके आधार पर ऑपरेशन में भारतीय सेना को सफलता मिली।

1988 में सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले देश के पहले यंग पुलिस अफसर बने। अमूमन ये पुरस्कार सिर्फ अार्मी के लोगों को ही दिया जाता है।

1999 में कंधार प्लेन हाईजैक के दौरान ऑपरेशन ब्लैक थंडर में अजीत डोभाल आतंकियों से निगोसिएशन करने वाले मुख्य अधिकारी थे।

जम्मू-कश्मीर में घुसपैठियों और शांति के पक्षधर लोगों के बीच काम करते हुए डोभाल ने कई आतंकियों को सरेंडर करा प्रो-इंडिया बनाया।

अजीत डोभाल 33 साल तक नॉर्थ-ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में खुफिया जासूस रहे।

2015 में मणिपुर में आर्मी के काफिले पर हमले के बाद म्यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों के खात्मे के लिए सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन के हेड प्लानर रहे।

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