उन्होंने बहुत कम तापमान और रेगिस्तान की कठिन परिस्थितियों में सीमा की रक्षा करने के लिए बीएसएफ के जवानों की प्रशंसा की। गृहमंत्री ने सैनिकों से रू बरू होने के साथ ही बीएसएफ के आला अधिकारियों के साथ बैठक भी की। सैंड स्कूटर पर सवार होकर उन्होंने शिफ्टिंग ड्यून्स क्षेत्र की सुरक्षा का जायजा भी लिया।
बीएसएफ अधिकारियों ने उन्हें इस क्षेत्र में शिफ्ट होने वाले रेतीले टीलों के कारण तारबंदी के हवा में लटक जाने की समस्या से अवगत कराया। राजनाथ ने कहा कि हमारे जवान इतनी विषम परिस्थितियों में देश की सीमा की रक्षा कर रहे हैं, हम उनके जज्बे को सलाम करते हैं।
यह है नया एक्शन प्लान
– सीमा की निगरानी के लिए जवानों को अपग्रेड करने के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।
– तारबंदी में करंट छोड़ने और लेजर फेंसिंग का इस्तेमाल पायलट प्रोजेक्ट के रू प में आगे बढ़ेगा-यूएवी से सीमा की निगरानी बढ़ाई जाएगी।
– शिफ्टिंग सैंड ड्यून्स की समस्या के स्थायी हल के लिए विशेषज्ञों की लेंगे मदद-सीमा से सटे राज्यों के सुझावों को लेकर तैयार होगी नई पॉलिसी।