दरअसल साल 2008 में सवाणी परिवार के ईश्वरभाई सवाणी की दो बेटियां मितुला औऱ अमृता की शादी से एक हफ्ता पहले ही ईश्वरभाई चल बसे थे जिसके बाद से महेश सवाणी ने समाज की अनाथ बेटियों के पिता की जिम्मदारी पूरी करने की ठानी और 1001 बेटियों की शादी करवाने का प्रण लिया और अब ये सभी बेटियां महेश सवाणी को पापा ही बुलाती हैं।

आपको बता दें कि, 2008 के बाद उन्होंने राज्य में सामूहिक विवाह का हिस्सा बनना शुरू कर दिया। ऐसे प्रोग्राम में जाकर वह बेटियों को एक पिता के रूप में गिफ्ट भी देते हैं, 2012 तक वह कन्यादान करते थे। 2013 से उन्होंने सामूहिक विवाह के प्रोग्राम करने शुरू कर दिए।

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