एक अन्य मौके पर जो किंग की कार ने 270 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर बेहतरीन रूप से टर्न लिया। जो किंग ने कहा कि भारत की सड़कें जर्मनी की तरह की नहीं हैं, जहां 270 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर कार को मोड़ा जा सके। मगर, इसका मतलब यह नहीं है कि इस देश ऐसी कारों के लिए कोई जगह नहीं है, जो खुद से मोड़ पर मुड़ सकें।

ड्राइवरलेस कार सामान्य कारों का संशोधित संस्करण हैं, जिनमें रडार, लेजर, इंफ्रारेड सेंसर और कैमरे लगे होते हैं, जो कार को सेंस करने, देखने और आस-पास कोई वस्तु होने पर रिएक्ट करती है। स्व-चालित कारों की वकालत करने वालों का कहना है कि इसके जरिए हर साल सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली 12.4 लाख लोगों की मृत्यु को कम किया जा सकता है।

मारुति के कार्यकारी निदेशक (इंजीनियरिंग) रमन सीवी ने कहा कि कार में टक्कर को कम करने वाला सिस्टम लगा है। यह तेजी से और स्वचालित रूप से कार को धीमा करके सामने वाहन से दूरी बनाए रखता है। जब कार के आगे यह कुछ सेंस करता है, तो टक्कर के प्रभाव को कम करने के लिए यह ऑटोमेटिक आपातकालीन ब्रेक लगाना लगाता है।

 

 

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