रिसर्च में यह भी सामने आया कि बातचीत के दौरान मुंह से सलाइव हैंडसेट पर आ जाता है, जो बैक्टीरिया फैलने की बड़ी वजह बनता है। शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि हैंड हाइजीन का अभाव मोबाइल फोन पर पनप रहे बैक्टीरिया के लिए खासतौर पर जिम्मेदार है। उन्होंने अपने सुझाव में कहा कि सभी अस्पतालों को ‘नो मोबाइल फोन पॉलिसी’ को सख्ती से लागू करना चाहिए।
तिरुपति के एसवी यूनिवर्सिटी में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एम कुमारी चितुरी के नेतृत्व में इंडियन साइंस कांग्रेस में एक रिसर्च पेपर पेश किया गया। इसमें बताया गया कि हानिकारक कीटाणुओं ने कई एंटीबायोटिक दवाओं के खिलाफ रोग प्रतिरोध विकसित कर लिया है।
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