डाई लगाना भूल जाएंगे आप, बाल कभी नहीं होंगे सफेद, वैज्ञानिकों ने यह गुत्थी सुलझा ली है कि आखिर हमारे बाल सफेद क्यों होते हैं। सफेद होते बालों से अक्सर इंसान की बढ़ती समझदारी को भी जोड़ा जाता है।
सफेद बाल के पीछे आईआरएफ4 जीन
आईआरएफ4 नाम का यह जीन मेलेनिन को रोकने का काम करता है जिसकी वजह से बालों, त्वचा और यहां तक कि आंखों को भी रंग मिलता है।
बालों पर पहला शोध
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के एंड्रेस रूइज लिनारेस भी इसी शोध टीम का हिस्सा हैं। सफेद बाल होना केवल जेनिटिक्स के चलते नहीं है, बल्कि तनाव या किसी किस्म के सदमे के हालात और एसे कई और भी कारक इसमें शामिल होते हैं।
अब डाई की जरूरत नहीं
शोधकर्ताओं ने इस शोध के लिए पांच देशों, ब्राजील, कोलंबिया, चिली, मैक्सिको और पेरू से यूरोपीय, अमेरिकी और अफ्रीकी मूल के पुरूषों और महिलाओं की जेनेटिक सूचनाओं को जमा किया। लिनारेस बताते हैं कि यूरोपीय लोगों के बाल औरों की तुलना में जल्दी सफेद होने लगते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस जीन के बारे में जानकारी मिलने के बाद ऐसे तरीकों का पता लगाया जा सकता है जिससे बालों को या तो सफेद होने से रोका जा सके या सफेद बाल फिर से पुरानी रंगत में लाए जा सके।
लिनारेस कहते हैं, ”अगर किसी दवा के जरिए मेलेनिन के उत्पादन को सुचारू किया जा सके तो इससे सफेद बालों को रंगने की जरूरत नहीं रह जाएगी। निश्चित रूप से इस दिशा में शोध को आगे बढ़ाने लायक अवसर मिला है।”