भारत में अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली नहीं है, या अगर है भी तो महज कुछ घंटे तक ही रहती है। ऐसे में ग्रामीण परिवेश में रह रहे लोगों के सामने बिजली अभी भी एक बड़ी समस्या है। मानसून आते ही एक ओर जहां गांव के साथ शहरों को भी बिजली समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। जाहिर है आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। इसी आवश्यकता के कारण ही एक राजस्थान के चीरवा गांव के 8वीं पास निवासी गोवर्धन ने एक ऐसा आविष्कार किया है, जिससे एक नहीं बल्कि अनेक काम किया जा सकता है। गोवर्धन के पास ने तो इंजीनियरिंग की डिग्री है और न ही डिप्लोमा। लेकिन उसने घरेलु जुगाड़ करके ही एक ऐसी मशीन बनाई है जिसे देखकर बड़े-बड़े इंजीनियर दंग हैं। गोवर्धन अपने इस आविष्कार से बिजली पैदा करके अपने घर में सप्लाई करता है और अपना परिवार भी पालता है। उदयपुर जिले के चीरवा गांव में चाय की दूकान चलाने वाले गोवर्धन ने एक ऐसा चूल्हा बनाया है है जो खाना पकाने के साथ-साथ बिजली भी बनाता है। यह एक ऐसा थ्री-इन-वन चूल्हा है जिससे घर का खाना भी पकता है, मोबाईल चार्ज होता है और बिजली भी बनती है।
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क्या है ये अविष्कार ?
राजस्थान के उदयपुर के चीरवा गांव में रहता है गोवर्धन।
गोवर्धन के पास इंजीनियरिंग की डिग्री या डिप्लोमा नहीं है बल्कि सिर्फ 8वीं पास है।
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चूल्हा जो बिजली पैदा करता है
इस युवक ने ऐसे चूल्हे का अविष्कार किया जिससे एक साथ तीन काम हो जाते है।

इस चूल्हे की खासियत यह है कि इसमें चाय बनाई जा सकती है, मोबाईल चार्ज किया जा सकता है और बिजली पैदा की जा सकती है।

गोवर्धन एक पंखा बनने वाली फैक्ट्री में नौकरी करता है और उसको यह यंत्र बनाने का ख्याल वहीं से आया।

यह चूल्हा लकड़ी, गोबर से जलता जरुर है, लेकिन यंत्र की तरह कार्य करता है।

इस चूल्हे में गोवर्धन ने पहला काम चाय बनाने का किया। उसके बाद चूल्हे के अंदर करंट उत्पन्न किया फिर उसमें इलेक्ट्रौनिक प्लग सिस्टम लगाकर घर की लाईट जलाई और मोबाईल चार्ज करके देखा।

शुरू में उसको यह यंत्र काम का नहीं लगा, लेकिन गोवर्धन की मेहनत रंग लाई और अंत में यह यंत्र तैयार हो गया।

इस अविष्कार का जन्म भी गोवर्धन और उसकी गांव की आवश्यकता से हुआ। इनके गांव में बिजली की किल्लत है, जिसके कारण मोबाईल चार्ज करने के लिए दूसरे गांव भागना पड़ता था

मोबाईल चार्ज करने की आवश्यकता के कारण गोवर्धन फैक्ट्री में कार्य करते हुए इसके यंत्र निर्माण के बारे में सोचा और सामान ला कर बनाया।

इस चूल्हे में क्वाइल से पावर जेनरेटर संलग्न है, जो गर्मी और धुएं के दबाव के साथ कार्य करने लगता है।

जब चूल्हा को लकड़ी या गोबर डाल कर जलाने के लिए माचिस जलाते हैं, तब उसमें धुआं और गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे यंत्र दबाव में आकर कार्य करने लगता है।

इस चूल्हे के खुले भाग में आग लगाकर चाय या खाना बना सकते है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक प्लग बोर्ड लगाकर घर में बिजली जला सकते हैं और मोबाईल भी चार्ज कर सकते हैं।

गोवर्धन का यह आविष्कार हर उस गांव के लिए फायेदेमंद है, जहाँ आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है और पहुंची भी है तो बिजली नहीं रहती.। यह आविष्कार गांव वालों के साथ-साथ देश के लिए भी फायदेमंद है।

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