आपने कभी अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर लिखे नंबरों पर कभी गौर किया है? क्या आप जानते हैं इन नंबरों का क्या मतलब है और ये किस लिए लिखे होते हैं?

हर डेबिट व क्रेडिट कार्ड के दोनों तरफ कई नंबर लिखे होते हैं और इन्हें डिकोड करना बहुत आसान होता है। ये नंबर न केवल आपके बैंक अकाउंट के बारे में बताते हैं, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी जरूरी होते हैं। ऑनलाइन बैंकिंग और शॉपिंग के समय होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी ये बहुत मददगार होते हैं। लेकिन, थोड़ी सी भी लापरवाही की वजह से इन कार्ड की डिटेल्स किसी दूसरे के पास पहुंचती है तो धोखाधड़ी का शिकार होने की आशंका काफी बढ़ जाती है।

आज आपको बताते हैं कि डेबिट व क्रेडिट कार्ड पर मौजूद नंबरों का मतलब क्या होता है। कैसे डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के नंबर को कोड किया जाता है? साथ ही जानिए कि कैसे इन नंबरों में आपके अकाउंट के साथ-साथ इसे जारी करने वाली कंपनी का भी राज छुपा होता है।

होते हैं कई सुरक्षा कारक

डेबिट या क्रेडिट कार्ड के आगे के हिस्से में 16 अंकों का नंबर लिखा होता है। शुरू के 6 अंक बैंक आइडेंटिफिकेशन नंबर होते हैं। बचे हुए 10 अंक कार्डधारक का यूनिक अकाउंट नंबर होता है। डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर बना ग्लोबल होलोग्राम ऐसा सुरक्षा होलोग्राम है, जिसकी नकल करना बहुत मुश्किल होता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसका थ्री डाइमेंशनल होना है। डेबिट या क्रेडिट कार्ड पर एक्सपायरी डेट व ईयर भी लिखा होता है और इस डेट के बाद कार्ड काम करना बंद कर देता है।

डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का पहला नंबर

यह उस इंडस्ट्री को दर्शाता है, जिसने कार्ड जारी किया है। जैसे बैंक, पेट्रोलियम कंपनी इत्यादि। इसे Major Industry Identifier (MII) कहते हैं। यह अलग-अलग इंडस्ट्री के लिए अलग-अलग होता है।

MII Digit – जारी करने वाली इंडस्ट्री

0 – ISO और अन्य इंडस्ट्री

1 – एयरलाइन्स

2 – एयरलाइन्स और अन्य इंडस्ट्री

3 – ट्रैवल्स और इंटरटेनमेंट (अमेरिकन एक्सप्रेस या फूड क्लब)

4 – बैंकिंग और फाइनेंस (वीजा)

5 – बैंकिंग और फाइनेंस (मास्टर कार्ड)

6 – बैंकिंग और मर्चेंडाइजिंग

7 – पेट्रोलियम

8 – टेलिकम्युनिकेशन्स और अन्य इंडस्ट्री

9 – नेशनल असाइनमेंट

पहले 6 नंबर का मतलब है यह

डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के पहले 6 नंबर कार्ड जारी करने वाली कंपनी को दर्शाता है। इसे Issuer Identification Number (IIN) कहते हैं। जैसे –

कंपनी IIN

अमेरिकन एक्सप्रेस- 34XXXX, 37XXXX

वीजा- 4XXXXX

मास्टर कार्ड- 51XXXX-55XXXX

7वें नंबर से लेकर अंतिम का एक नंबर छोड़ने तक

7वें नंबर से लेकर n-1 (कार्ड के आखिरी नंबर को छोड़कर) तक का नंबर आपके बैंक अकाउंट नंबर से लिंक रहता रहता है। यह हू-ब-हू आपका बैंक अकाउंट नंबर नहीं होता, लेकिन उससे लिंक होता है।

आखिरी नंबर

डेबिट या क्रेडिट कार्ड का आखिरी नंबर चेक डिजिट के नाम से जाता है। इसके माध्यम से यह जाना जाता है कि कार्ड वैलिड है या नहीं?

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