कहा गया है कि अविवाहित महिलाओं को शिवलिंग के पास इसलिए नहीं आना चाहिए, क्योंकि शिव सबसे पवित्र और हर वक्त तपस्या में लीन रहते थे। शिव मंदिरों में ध्यान और पूजा की जाती है, इसलिए ये जगह बहुत पवित्र और आध्यात्मिक मानी जाती है। इसलिए वह शिव की पूजा तो कर सकती हैं लेकिन मां पार्वती के साथ कर सकती है। पूजा के समय सतर्कता भगवान शंकर के ध्यान के दौरान यह सावधानी रखी जाती थी कि कोई भी देवी या अप्सराएं भगवान के ध्यान में विग्न ना डालें।
पुराणों से संबंधित पूजा में यह माना जाता है कि अनजाने में भी कई गलती बहुत बड़े विनाश का कारण बन सकती है। इसलिए पुरानी मान्यताओं के मुताबिक महिलाओं का शिवलिंग के पास आना माना है।