अगर आपका घर भारी ट्रैफिक वाले इलाके में है तो आप हो सकते हैं मानसिक बीमार, जो लोग व्यस्तम सड़कों के करीब रहते हैं और भारी यातायात का सामना करते हैं उनमें डिमेंशिया यानी मस्तिष्क संबंधित बीमारियों के विकसित होने का खतरा ज्यादा रहता है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसर साल 2015 में डिमेंशिया से पीड़ित रोगियों की संख्या 4.75 करोड़ थी जो जीवन प्रत्याशा और समाज के उम, में बढ़ोतरी की वजह से लगातार बढ़ रही है।
रिसर्च में बताया गया है कि जो लोग व्यस्त सड़को के 50 से 100 मीटर के दायरे में रहते हैं उनमें डिमेंशिया होने के खतरा चार प्रतिशत बढ़ जाता है जबकि जो लोग व्यस्त सड़कों के 101 से 200 मीटर के दायरे में रहते हैं उनमें डिमेंशिया होने के खतरा 2.0 प्रतिशत बढ़ जाता है। वहीं व्यस्त सड़कों से 200 मीटर दूर रहने वालों में यह खतरा कम होता है।
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