कनाडा में हुए एक रिसर्च में यहपता चलता है कि जो लोग व्‍यस्‍त सड़कों के 50 मीटर की सीमा में रहते हैं, उनमें व्‍यस्‍त सड़कों से 300 मीटर दूर रहने वालों के मुकाबले 7 प्रतिशत तक डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है।

कनाडा इंस्‍टीट्यूट फोर क्लिनिकल इवेल्‍यूटिव साइंसेस के सहयोगियों के साथ अध्‍ययन करने वाले पब्‍लिक हेल्‍थ ओंटारियो के पर्यावरण और व्‍यावसायिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ रे कोप्‍स ने कहा कि वायु प्रदूषक सांस के माध्‍यम से रक्‍त में घुल जाते हैं और इससे सूजन बढ़ती है जो कि हृदय रोग और मधुमेह से जुड़ा होता है। अध्‍ययन से पता चलता है कि ये वायु प्रदूषक रक्‍त प्रवाह के जरिए मस्तिष्‍क में पहुंच जाते हैं जिससे न्‍यूरोलॉजिकल समस्‍याएं पैदा होती है।

डिमेंशिया मस्तिष्क संबंधी बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की कोशिका पर दुष्‍प्रभाव पड़ता है और यह मेमोरी, सोचने की क्षमता,व्यवहार,दिशा एवं रोजमर्रा के क्रियाकलाप संबंधी परेशानी पैदा हो जाती है। इस वजह से लोग अक्षम हो जाते हैं और दूसरों पर निर्भरता बढ़ जाती है।

 

 

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