आर्मीमैन झा की बातें सुनकर उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। अंबाला से उत्तरप्रदेश, बिहार, सारे पूर्वी राज्य, झारखंड के बाद ओडिशा के रास्ते 4500 किलोमीटर की यात्रा कर वे रायपुर पहुंचे। झा नया रायपुर के कोसा हेडक्वार्टर में रुके हैं। उनके रायपुर पहुंचने की सूचना पर नईदुनिया की टीम ने मिलकर उनके सफर और उसके पीछे की प्रेरणा के बारे में चर्चा की।

 

मेजर टूर के दौरान लोगों से एक अपील करते हैं कि देश की रक्षा करना फौज का काम ही है, लेकिन जिनके कारण आप फल फूल रहे हैं, उन्हें कभी-कभी याद कर लें। कुछ नहीं तो उनके नाम से दीवाली में एक अलग दिया जला लें। अगर भारतीय मान्यताएं सच हैं और शहीदों की आत्माएं ऊपर से देश को देख रही हैं तो याद किए जाने की खुशी जरूर होगी।

 

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