दिल को छू लेने वाले इस एड में एक छोटी सी बच्ची की कहानी है जो अपनी मां के बारे में बात कर रही है। जिसे देखकर आपकी आंखे भी नम हो जाएंगी। यह विज्ञापन वास्तविक घटना पर आधारित है। इसमें बच्ची गायत्री और उसे गोद लेने वाली मां के बीच के गहरे रिश्ते के बारे में बताया गया है।

इस विज्ञापन की शुरुआत गायत्री से ही होती है, जो बोर्डिंग स्कूल लौटने की तैयारी कर रही है। वह बताती है कि उसकी मां चाहती हैं कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बने। लेकिन उसे डॉक्टर बनने में बिलकुल रुचि नहीं है। गायत्री वकील बनना चाहती है और वह वकील इसलिए बनना चाहती है जिससे वह अपनी मां की मदद कर सके।

गायत्री उस वक्त के बारे में बताती है, जब वह पहली बार अपनी ‘मम्मी’ से मिली थी। गायत्री ने कभी अपने पिता को नहीं देखा। जब गायत्री बहुत छोटी थी उसे जन्म देने वाली मां तभी दुनिया को छोड़के चली गई थी। तब उसे उसकी ‘मम्मी’ ने उसे गोद ले लिया था। उसकी मम्मी उसे अपने घर ले आई थीं। उसकी मम्मी ने गायत्री का बहुत ख्याल रखा। क्योंकि वह बीमार थी। उसकी मम्मी ने उसे नए कपड़े लेकर दिए और उसके लिए चिप्स भी बनाए।

गायत्री और उसकी मां को अब एक साथ रहते हुए 10 साल गुज़र चुके हैं। इन 10 सालों में उनके बीच का रिश्ता हर दिन मजबूत होता गया है। इसके बाद वीडियो में गायत्री अपनी मम्मी से मिलाती है। और तब मालूम होता है कि गायत्री की मम्मी दरअसल एक ट्रांसजेंडर हैं।

गायत्री बताती है कि उसकी मम्मी ने जिन्दगी में बहुत-सी परेशानियों का सामना किया है, लेकिन उसकी देखभाल में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। तब गायत्री कहती है, ‘मेरी सिविक्स की बुक में लिखा है कि हर नागरिक के लिए बेसिक राइट एक जैसे होते है। तो फिर मेरी मम्मी को उनसे दूर क्यों रखा जाता है?’

इसके बाद गायत्री कहती है, ‘बस, इसीलिए मैं डॉक्टर नहीं, वकील बनना चाहती हूं’

No more articles