डायरेक्टर नित्या मेहरा की ‘बार-बार देखो’ डेब्यू फिल्म है, इससे पहले उन्होंने ‘लाइफ ऑफ अ पाई’ और ‘द रिलक्टेंट फण्डामेंटलिस्ट’ जैसी फिल्मों में असिस्टेन्ट डायरेक्टर के रूप में काम किया है, क्या यह फिल्म नित्या के लिए बेहतरीन डेब्यू कहलाएगी। आइए जानते हैं इस फिल्म की समीक्षा में-
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी कहानी है, ‘आज, कल और आने वाले कल’ वाला कंसेप्ट अच्छा था, लेकिन स्क्रिनप्ले बेहद कमजोर है, खास तौर से इंटरवल के बाद फिल्म उबाऊ लगने लगती है।
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