न्यायमूर्ति एसपी गर्ग ने दोषी नरेंद्र कुमार की सजा के खिलाफ अपील को स्वीकार करते हुए यह राहत प्रदान की है। अदालत ने कहा कि पीड़िता ने यह जानने का प्रयास भी नहीं किया कि दोषी ने अपनी पत्नी से तलाक लिया है या नहीं। इसके अलावा उसने आर्य समाज मंदिर में उससे गुपचुप तरीके से विवाह किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मई 2013 में पीड़िता ने युवक से चुपचाप आर्य समाज मंदिर में शादी की, ऐसा करते हुए उसने न तो अपने माता-पिता से अनुमति ली और न ही किसी को बताया था।
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