लगता है सलमान ख़ान के सिर पर मुश्किलों के बादल फिर मडरा रहे हैं। सलमान को अभी चिंकारा शिकार केस से राहत मिली ही थी के अब वो नई मुश्किल में पड़ गए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट से बरी हो चुके अभिनेता के सामने फिर आ गई है एक और चुनौती। ब्लैक बक केस का मुख्य गवाह ड्रायवर हरीष दुलानी ने सामने आकरअपना बयान दिया है। अब न सिर्फ इस मामले की सुप्रीम कोर्ट जाने की संभावना बन गई है, बल्कि निचली कोर्ट में चल रहे कांकणी काले हिरण शिकार मामले में सलमान के लिए बडी मुश्किल खड़ी हो सकती हैं।

भवाद और घोड़ा फार्म चिंकारा शिकार मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने जिन आधारों पर सलमान को बरी किया था, उनमें से एक बड़ा आधार ड्राइवर हरीश दुलानी से जिरह नहीं होना था। इसे प्रमुख चश्मदीद गवाह माना गया था, लेकिन शुरूआती बयानों के बाद यह गायब हो गया। हालांकि हाईकोर्ट ने इसके बयानों पर संदेह प्रकट किया था, क्येांकि इसके बयान वन विभाग की कस्टडी में हुए थे।

अब हरीश दुलानी अचानक सामने आया है और उसका कहना है कि वह कहीं नही गया और उसे कभी बुलाया ही नहीं गया। वह आज भी अपने पहले वाले बयान पर कायम है। उसने निचली कोर्ट में चल रहे कांकणी शिकार मामले में दस अगस्त को सुनवाई के दिन कोर्ट मे जाने की बात भी कही है।

अब तक यह माना जा रहा था कि हाईकोर्ट के फैसले का असर कांकणी काला हिरण शिकार मामले पर भी पडेगा, क्योंकि परिस्थितियां लगभग समान थी। इस मामले की सुनवाई लगभग अंतिम चरण में है। जानकारों का कहना है कि हरीश दुलानी कोर्ट में जाता है तो कांकणी वाले मामले में सलमान के लिए फैसला मुश्किल भरा हो सकता है।

इसके अलावा हाईकोर्ट के फैसले के बाद से सलमान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा विश्नोई समाज भी अब मुखर हो सकता है। विश्नोई समाज लगातार सरकार से हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की मांग कर रहा है। अब दुलानी के सामने आने से उनकी मांग और मजबूत होगी। राजस्थान सरकार ने अभी तक सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात से इनकार नहीं किया है। राजस्थान में सहायक महाधिवक्ता सत्येन्द्र राघव का कहना है कि इस मामले में गलती अभियोजन पक्ष की रही है। समय पर पेष करना चाहिए था और इसके चलते सलमान बरी हो गए। अब कांकणी वाले मामले में यह पेष होता है सरकार का पक्ष मजबूत होगा। सरकार को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाने का भी मजबूत आधार मिल जाएगा।

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