मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी के खिलाफ आरोप सही पाए जाने पर अपर सत्र न्यायालय (एपᆬटीसी) ने आरोपी युवक अयाज खान को भादवि की धारा 363 के लिए 5 वर्ष, 366 के लिए 5 व लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास और क्रमशः 2 हजार, 3 हजार व 10 हजार रूपए अर्थदण्ड से दण्डित किया। आरोपी द्वारा अर्थदण्ड नहीं पटाए जाने पर इन अपराधों के लिए क्रमशः 3-3 व 6 माह अतिरिक्त कारावास भुगताए जाने का आदेश दिया। मामले की पैरवी लोक अभियोजक संतोष कुमार गुप्ता व अतिरिक्त लोक अभियोजक रेवती रमण तिवारी ने की।

अभियोजन के अनुसार 11 दिसम्बर 2015 को प्रार्थी ने थाना जांजगीर पहुंचकर रिपोर्ट कराई कि उसकी नाबालिग लड़की सुबह 7 बजे से स्कूल ड्रेस पहनकर निकली थी। स्कूल में पता करने पर वह स्कूली भी नहीं पहुंची। परिजनों ने नाबालिग को अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई।

 

 

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