कश्मीर में अलगाववादियों ने महबूबा को भी नही बक्शा। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को शनिवार को प्रदर्शनकारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। दरअसल 10 जुलाई को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 21 साल के मसहूक अहमद शेख की मौत हो गई थी। सीएम महबूबा मुफ्ती पीड़ित परिवार से मिलने के लिए साउथ कश्मीर के काजीगुंड पहुंची थीं, जहां प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले पर पथराव किया, जिसके चलते उन्हें वहां से निकलना पड़ा। वहीं रविवार को ऑल पार्टी डेलिगेशन (सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, APD) कश्मीर आ रहा है, जिसके चलते घाटी के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगाया गया है।
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती शनिवार को चॉपर से कुंड गांव पहुंची थीं। महबूबा मुफ्ती की आने की जानकारी मिलते ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आएं और प्रदर्शन करने लगे। मुफ्ती को गांव छोड़कर बाहर निकलना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले पर पथराव करने के साथ आजादी के समर्थन और भारत विरोधी नारे भी लगाए। यह पहला मामला है जब कोई मुख्यमंत्री पीड़ित परिवार से मिलने के लिए उनके घर पहुंचा हो और उन्हें इस तरह से निकलना पड़ा हो। इससे पहले उत्तर और दक्षिण कश्मीर की यात्राओं में मुफ्ती ने पीड़ित परिवार को सरकारी रेस्ट हाउस में बुलाकर मुलाकात की थी।
वहीं कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए आ रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। यात्रा के मद्देनजर कश्मीर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। शनिवार को पुलिस और पैरामिलेट्री फोर्सेस ने श्रीनगर की सड़कों को बंद कर दिया और वाहनों के आवाजाही पर रोक लगा दी गई। वहीं, अनंतनाग के रानीपोरा में आजादी रैली की तैयाारी कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच आज झड़प हुई। शनिवार को लोग रैली की तैयारी कर रहे थे, उसी दौरान सुरक्षा बलों ने पहुंच कर स्टेज और टेंटों को हटा दिया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। प्रदर्शकारियों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और पैलेट गन का इस्तेमाल किया। इस झड़प में 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए।