आरोप हैं कि इन अभियुक्तो ने 9 साल की एक लड़की को जबरन देह व्यापार में शामिल किया। इस मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने जुलाई साल 2016 में महिला और अन्य को जमानत दे दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।

1 मई 2016 को छापे के दौरान करीब 41 नाबालिग लडकियों को बचाया गया। बेंच ने कहा, ‘इन पर आरोप है कि जिस्मफरोशी के लिए ये नौ साल की लड़की और बाकीयों का शारीरिक विकास करते थे। लड़कियों को देह व्यापार के लिए बाध्य किया जाता था। उन्हें भूखा रखने के साथ नशे का आदि बनाया जाता था। एक पूरा गैंग है जो मानव तस्करी और देह व्यापार में लड़कियों से जबरन काम कराता है।’

1 2
No more articles