जूली की मौत के बाद इसकी सूचना हमने पुलिस को दी और पुलिस और पशु चिकत्सालय से जूली के पोस्टमार्टम कराने की गुहार लगाईl 24 दिसंबर को जूली का पोस्टमार्टम डॉ अनिल जायसवाल ने किया ,पोस्टमार्टम के बाद घर के बहार बने खेत में गड्ढा खोदकर उसको दफना कर उसकी समाधी बनवा दी है। उन्होंने बताया कि जब से जूली की मौत हुई है मेरी पत्नी और बेटे ने खाना नहीं खाया है बल्कि मेरे घर में चूल्हा तक नही जला है। जूली को बड़े ही प्यार से हमने पाला था जब वह 10 दिन की थी तब उसको लेकर आये थे। उन्होंने ने बताया कि जूली की के हर छह माह में इंजेक्शन लगता था इसके साथ ही अभी वह बीमार हो गई थी तो उसके इलाज में सात हजार रुपये खर्च किया था।

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