सपने में हनुमान के स्त्री रूप ने राजा से एक बात कही। हनुमान ने राजा से कहा कि “हे राजन् मैं तेरी भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हूं और मैं तुम्हारा कष्ट अवश्य दूर करूंगा। तू एक मंदिर का निर्माण करवा और उसमें मुझे बैठा। मंदिर के पीछे एक तालाब भी खुदवा जिसमें मेरी विधिवत पूजा करते हुए तू स्नान करना। इससे तुम्हारे शरीर का यह कोढ़ रोग आवश्य दूर हो जाएगा।” नींद खुलते आते ही राजा ने गिरजाबन्ध में ठीक वैसा ही मंदिर बनवाना शुरु कर दिया जैसा कि हनुमान ने उसके सपने में बताया था लेकिन मंदिर पूरा होते ही राजा को उसमें रखने के लिए मूर्ति कहां से लाई जाए यह चिंता सताने लगी। इसका उपाय भी संकटमोचन हनुमान ने दोबारा से राजा के स्वप्न में आकर दिया।