कहा जाता है कि हनुमान का स्त्री रूप में यहां पूजा जाना एक कथा का परिणाम है जो हजारों वर्षों पुरानी है। तकरीबन दस हजार वर्ष पुरानी बात है जब एक दिन रतनपुर के राजा पृथ्वी देवजू जिन्हें एक शारीरिक कोढ़ था वे इस रोग के कारण काफी उदास हो गए। इस रोग की वजह से वे ना तो कोई काम कर सकते थे और ना ही जिंदगी का आनंद उठा सकते थे। उदासी में बैठे-बैठे राजा को नींद आ गई।