ऐसा माना जाता है कि जब पांडव वन-वन भटक रहे थे तो भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को इस दिव्य व्रत के बारे बताया था। इसी व्रत के प्रताप से द्रौपदी ने अपने सुहाग की लंबी उम्र का वरदान पाया था। आइए जानें, इस दिन किन देवी-देवताओं की पूजा की जाती है और इस व्रत से कौन-कौन से वरदान पाए जा सकते हैं। करवाचौथ के दिन श्री गणेश, मां गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। चंद्रमा पूजन से महिलाओं को पति की लंबी उम्र और दांपत्य सुख का वरदान मिलता है। विधि-विधान से ये पर्व मनाने से महिलाओं का सौंदर्य भी बढ़ता है।
इस साल यह पर्व सुहागन महिलाओं के लिए ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस बार करवाचौथ का ये व्रत हर सुहागिन की जिंदगी संवार सकता है, लेकिन इसके लिए इस दिव्य व्रत से जुड़े नियम और सावधानियों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि इस अद्भुत संयोग वाले करवाचौथ के व्रत में क्या करें और क्या ना करें। केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया हो वही स्त्रियां ये व्रत रख सकती हैं। व्रत रखने वाली स्त्री को काले और सफेद कपड़े कतई नहीं पहनने चाहिए। करवाचौथ के दिन लाल और पीले कपड़े पहनना विशेष फलदायी होता है। करवाचौथ का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रखा जाता है। ये व्रत निर्जल या केवल जल ग्रहण करके ही रखना चाहिए। इस दिन पूर्ण श्रृंगार और अच्छा भोजन करना चाहिए। पत्नी के अस्वस्थ होने की स्थिति में पति भी ये व्रत रख सकते हैं।