इस बार भी शनिवार से शुरू होकर सप्ताह में रविवार पर्यंत उत्सव काल रहेगा। इन नौ दिनों में अलग-अलग त्योहार व तिथियां रहेंगी। माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा शनिवार से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी। अमावस्या पर शिप्रा स्नान के बाद वैदिक ब्राह्मणों को सीधा, साबूदाना, मूंगफली, घी, वनस्पति, दक्षिणा तथा वस्त्र दान करना चाहिए। साधुओं को वस्त्र, धर्मग्रंथ तथा भोजन, रोगियों को औषधि, दूध, बिस्किट तथा भिक्षुकों को भोजन कराना चाहिए।

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