मां की ममता में इतनी ताकत होती है कि कुदरत को भी हार माननी पड़ती है। ऐसी ही एक मिसाल देखने को मिली जहां एक बंदर के मासूम बच्चे ने बकरी को ही अपनी माँ समझ लिया और उसकी पीठ पर चिपक कर बैठ गया। हालांकि बकरी ने भी उसे बिलकुल अपने बच्चे की तरह प्यार दिया। वैसे तो इन मासूम मां बेटों की जाती बिलकुल अलग है। लेकिन फिर भी वह उस अनजान मां और परिवार के साथ खुश है।  उसे किसी तरह की शिकायत नहीं है।दरअसल, हम इंसान इंसानियत को ताक पर रख कर जाति, धर्म और समुदाय के खाके में ऐसे सिमट गये हैं कि जानवर भी हमारे रंग-रूप को पहचानने लग गया है। अपनी मां से बिछड़े एक मासूम बंदर को सुरक्षा के लिहाज से इंसानों के पास आना चाहिए था। लेकिन उसने ऐसा करने के बजाय इंसानों से ज़्यादा सुरक्षित बकरियों के झुंड को चुना और उन्हीं बकरियों में से एक को अपनी मां भी मान लिया।

चीन के टोंगु प्रांत में अपने परिवार से अलग एक बेबी बंदर ने खेतों में चर रहे बकरियों को ही अपना परिवार मान लिया है और एक बकरी को अपनी मां। बकरियों के मालिक किसान, झोंग शू जब अपनी बकरियों के झुंड को देखने गया, तो उसने पाया कि झुंड में एक बकरी की पीठ से बंदर का बच्चा चिपका हुआ था। डरे हुए, सहमे हुए उस बंदर ने जब इंसान को देखा, तो वह भयभीत हो गया और जाकर एक बकरी की पीठ से चिपक गया।

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