और हर बार की तरह इस बार भी रविवार को यानि 27 नवंबर को इस खास भोज का आयोजन किया गया। यह फेस्टिवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित है। इसलिए हर साल दुनिया भर से पर्यटक इस भोज का हिस्सा बनने आते हैं। इस जगह पर बंदर भी इतने सहज हो जाते हैं कि उनको टूरिस्ट्स के कंधों पर चढ़ते, बाल नोचते, एक-दूसरे पर खाना फेंकते भी आसानी से देखा जा सकता है।

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