योगी आदित्यनाथ के सीएम बनते ही पूरे उत्तर प्रदेश में यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या मुस्लिम समुदाय के लोग किसी बड़ी परेशानी में तो नहीं फँसने वाले। भले ही लोग कितनी भी बातें बनाएं लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि योगी के गौ शाला में गायों में रक्षा करने वाला युवक और कोई नहीं एक मुसलमान ही है।

दरअसल गोरखपुर में स्थित गोरक्षनाथ मंदिर के अंदर मुख्य मंदिर के ठीक पीछे ये गौशाला सेवा केंद्र स्थित है। मान मोहम्मद ने बताया कि यहां मौजूद गायों में देशी, हरियाणा, साहिवाल और गुजरात की गिरि नस्ल की गाय और सांड हैं। योगी से सांसद फिर महंत और अब यूपी के सीएम बने आदित्यनाथ गोरखपुर में रहने के दौरान खुद सुबह-शाम इनके बीच एक घंटे तक रहकर इन्हें गुड़, बिस्कि‍ट और चारा खिलाते हैं। इसके बाद गौशाला के प्रबंधक शिव यादव की देखरेख में मान मोहम्मद उनके पिता इनयतुल्लाह, विजय, पिंटू, सीताराम और सुरेन्द्र इन गायों की सेवा करते हैं।

सुरेंद्र राय ने बताया कि वर्तमान में इनमें से तकरीबन 50 की संख्या में गाय दूध देने वाली हैं। इनसे प्रतिदिन भंडारी के मुताबिक, दूध तकरीबन 50 से 60 लीटर तक निकाला जाता है। दूध कहीं बाहर बेचा नहीं जाता है। बल्कि उससे दही, घी और मट्ठा बनता है। मट्ठा योगी भवन में आने वाले हर आम-आ-खास को दिया जाता है। इसके साथ ही पेड़ा और लड्डू प्रसाद स्वरूप मिलता है। शाम का दूध यहां रहने वाले साधु-सन्यासियों के लिए होता है। उन्होंने बताया कि गायों के गोबर से जैविक खाद तैयार की जाती है। महीने में कभी 500 तो कभी 1000 बोरी खाद निकलती हैं। इसका इस्तेमाल गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगे पेड़-पौधों में किया जाता हैं।

गायों की देखभाल करने वाले महराजगंज चौक के रहने वाले मान मोहम्मद के पिता इनायतुल्लाह बचपन से ही यहां गायों की देखभाल कर रहे हैं। वे यहीं मंदिर में बने एक कमरे में परिवार के साथ पहले रहते थे। वे अब बुजुर्ग हो गए हैं इसलिए ज्यादा समय अपने गांव में बिताते हैं।योगी जी द्वारा पहला नि‍वाला खिलाए जाने के बाद हम अपने सभी साथियों के साथ मिलकर चारा खि‍लाने, दूध निकालने का कार्य करते हैं।

मान मोहम्मद ने कहा कि हमें और हमारे परिवार को ये कार्य करके बहुत सुकून मिलता है। यहां कोई भी गाय दान दे सकता है और उनकी सेवा करने के लिए आ सकता है। लॉ के स्टूडेंट पन्ना लाल शर्मा यहां हर रोज आकर गायों की सेवा करते हैं। उन्होंने बताया कि गाय बहुत शांत रहती है। कोई भी उनके पास आ-जा सकता है। कार्तिक, प्रदीप कुमार मौर्य ने बताया कि दिन-भर गायों के साथ रहना नया अनुभव कराता है।

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