आपने वो कहावत सुनी होगी कि लोग चढ़ते सूरज को सलाम करते हैं। हमारा संघर्ष वाला जीवन के बारे में सफलता मिलने के बाद कोई नहीं पूछता। कुछ लोग जिंदगी में जब कुछ नहीं बन पाते तो वे अपनी असफलताओं का ढींगरा दूसरों के सर मंढ देते हैं। लेकिन परेशानियों का सामना करते हुए बिना संसाधनों के एक अलग मुकाम पर पहुँचने के बाद जो दिल को सुकून मिलता है उसकी बात ही कुछ और होती है। ऐसे ही बुलंद इरादों और हौंसलों से भरे किस्सों की जिंदगी है फ्रांस की शिक्षा मंत्री नजत बेल्कासेम की। जो अपने बचपन के दिनों में भेड़ चराया करती थीं। लेकिन अपनी मेहनत और सच्ची लगन के बल बूते पर आज वे फ्रांस जैसे विकसित देश की सरकार में एक अहम भूमिका निभा रही हैं।