टेक्नोलॉजी के जमाने में आज का युवा पीढ़ी सोशल साइट्स पर इंटरनेट पर ही ज्यादातर बिजी रहता है और नौजवानों की यही व्यस्तत्ता ही उनके लिए कभी-कभी भारी पड़ जाती है। जी हां, अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं। उसे सुनकर आपके होश और आपका दिमाग दोनों फ्यूज हो जायेगा, हम यह उन अभिभावकों को बता रहे हैं जो अपने बच्चों के हाथों में इंटरनेट कनेक्शन और एंड्रॉयड फोन थमाकर बड़ा खुश हो रहे हैं। लेकिन आपको पता नहीं है आपके बच्चे के साथ क्या हो रहा है। सावधान हो जाईये

अलर्ट रहिये। ध्यान दीजिये, हम आपकी चिंता करते हैं। आपकी भलाई सोचते हैं। इसलिये हमारा नाम यह है। एक मोबाइल का स्क्रीन आपके बच्चे के चेहरे की रौनक छीन रहा है। उसकी आंखों के नीचे काला धब्बा आपके पूरे भविष्य को उजाड़ रहा है। उसकी शून्य को ताकती आंखें आपका भविष्य बिगाड़ रही है। सावधान हो जाईए।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इंटरनेट के जरिये आपके बच्चे का यौन उत्पीड़न किया जा रहे हैं। उससे रेप हो रहे हैं। आभाषी दुनियां में उसके साथ वह सबकुछ हो रहा है जिसे वर्चुअल वर्ल्ड का सेक्स टार्चर कहते है। आपका बच्चा इसका शिकार हो रहा है। हां, इस कांड में अजनबी लोग ही शामिल नहीं हैं बल्कि करीबी रिश्तेदार भी कर रहा है आपके बच्चों का यौन शोषण। इस बात खुलासा मिशिगन स्टेट युनिवर्सिटी (एमएसयू) के एक साइबर क्राइम विशेषज्ञ ने एक शोध के जरिए किया है। उन्होंने ऑनलाइन बाल यौन उत्पीड़न के कारकों की जांच की है। जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

कम आत्म नियंत्रण वाले लड़के-लड़कियां और बच्चों में ऑनलाइन यौन उत्पीड़ित होने की संभावना ज्यादा पाई गई, लेकिन सबसे हैरत की बात यह थी कि अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों में 24 प्रतिशत प्रतिभागी इंटरनेट पर यौन उत्पीड़न के शिकार हुए थे।

एमएसयू के एसोसिएट प्रोफेसर थॉमस जे. होल्ट कहते हैं कि इस अपराध में केवल वही व्यक्ति ही सम्मलित नहीं होते हैं, जो बच्चों की तरफ यौन आकर्षित होते हैं। इसके साथ ही वे लोग भी बच्चों का यौन उत्पीड़न करते हैं, जिनसे हमारे बच्चे करीबी रूप से जुड़े होते हैं।

हालात काफी खराब हैं। इस शोध में 12-16 वर्ष के 439 बच्चों ने स्वीकारा है कि उनके ऑनलाइन मित्र उन पर सेक्स संबंधी बातें करने का दबाव डालते हैं और न चाहते हुए भी उन्हें यह सब करना पड़ता है।

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