असुरक्षित यौन संबंध एचआईवी एड्स की वजह तो है ही, अब वह लिंग, गुदा और मुंह कैंसर का कारण भी बनता जा रहा है। महिलाओं में तेजी से बढ़ रहे सर्वाइकल कैंसर के रिवर्स इफेक्ट से पुरुष भी प्रभावित होने लगे हैं। सेक्सुअली एक्टिव पुरुषों ने महिलाओं को एचआईवी/एड्स की सौगात दी है तो सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं से उन्हें लिंग, मुंह व गुदा कैंसर का तोहफा मिल रहा है। कैंसर रजिस्ट्री के अनुसार वर्ष 2009 तक भारत में लिंग कैंसर के 755 मामले सामने आ चुके थे। इसमें सबसे अधिक 211 मामले दिल्ली से है। पश्चिमी देशों में एक लाख लोगों पर एक व्यक्ति को पेनाइल कैंसर होता है।

असुरक्षित यौन संबंध

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कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार लिंग कैंसर की और भी वजहें हैं, लेकिन सबसे बड़ी वजह एचपीवी का प्रसार है। एचपीवी एक डीएनए आधारित वायरस है और यह पुरुषों के वीर्य में पाया जाता है। डॉक्टनरों के मुताबिक एचपीवी एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड वायरस है, जो यौन संबंध के दौरान पुरुष से महिलाओं की योनी होते हुए गर्भाशय ग्रीवा तक पहुंच जाता है। जो महिलाएं बहुत अधिक सेक्सुअली एक्टिव होती हैं, कम उम्र में यौन सम्बंध बनाना शुरू कर देती हैं और अनेक साथियों से असुरक्षित सेक्स करती हैं, उनमें इसकी वजह से सर्वाइकल सर्विक्सज गर्भाशय के मुंह का कैंसर हो जाता है।

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जो पुरुष सर्वाइकल कैंसर की शिकार महिलाओं के साथ लगातार असुरक्षित सेक्स करते है उसमें पेनाइल कैंसर का खतरा अधिक रहता है। सेक्स के अलावा ऐसी महिलाओं के साथ लगातार मुख व गुदा मैथुन करने की वजह से एचपीवी पुरुषो के मुंह, गले और गुदा को भी प्रभावित करता है और यह वायरस रिवर्स होकर महिलाओं से पुरुषों में स्थानान्तरित हो जाता है। इससे पुरुषों में ओरल व एनल कैंसर होने का कतरा रहता हैं। सुरक्षित यौन सम्बंध बनाकर पेनाइल, एनल व ओरल कैंसर से बचा जा सकता है।

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