समलैंगिक रिश्तों का आधार सिर्फ शारीरिक संबंध होता है – समान लिंग वाले रिलेशन के लिए लोगों की यह सोच काफी पुरानी है कि समलैंगिक रिश्तों का आधार सिर्फ शारीरिक संबंध है। जिस तरह से बाकी रिश्ते एक दूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं ठीक उसी तरह ही समलैंगिक रिश्ते भी एक दूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं।
समलैंगिक रिलेशन में भी होते हैं पुरुष और महिला – लोगों का मानना है कि समान लिंग वाले रिश्तों में एक पुरूष और एक महिला होना के किरदार निभाना चाहिए। लेकिन इस तरह की पुरानी मानसिकता को बर्ट-जे ग्रीन नामक एक शोधकर्ता ने गलत साबित कर दिया है उन्होने 2008 में एक शोध किया जिसमें कहा गया कि जो समलैंगिक होते हैं वह पक्षपातहीन होते हैं।