इन दिनों पश्चिमी देशों में पुरुष अपने लिंग में प्लास्टिक के मोती डलवा रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने से सेक्स का आनंद कई गुना बढ़ जाता है। लेकिन सेक्सुअल हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि इससे उन्हें हमेशा दर्द बना रह सकता है और लिंग में संक्रमण भी फैल सकता है या फिर वे पूरी तरह से नपुंसक ही हो सकते है। एसआईयू हेल्थकेयर, इलिनॉयस के विशेषज्ञ डॉ. टोबियास कोहलर कहते हैं कि कुछ लोगों के लिए पर्लिंग मात्र एक सौंदर्य बढ़ाने वाली प्रथा होती है और वे इसे लिंग छेदन या टैटू बनवाने जैसा मानते हैं।

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आपको बता दें कि यूनवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा शैंड्स हास्पिटल में एक ऐसा मामला आया था जिसमें एक 19 साल के युवक ने एक रेजर ब्लेड से अपनी त्वचा को काट लिया था। इतना ही नहीं, उसने लिंग की डंडी पर दो मोती डाल रखे थे और एक मोती अपने लिंग छोर पर डाल रखा था। ऐसा करने के सात घंटे बाद उसे अस्पताल के इमरजेंसी रूम में भर्ती कराया गया था। लिंग में बहुत अधिक सूजन आ गई थी और पेशाब करते समय में काफी मात्र में रक्त भी बाहर निकल रहा था उसे तब बहुत अधिक दर्द हो रहा था। डॉक्टरों ने सर्जरी के जरिए लिंग में बने एक हेमाटोमा को काटकर बाहर निकाला था और खून बहना बंद करने के लिए घावों को दाग दिया था। इस तरह के मामलों में सबसे बड़ा खतरा संक्रमण का होता है और मरीज को बहुत अधिक कष्ट उठाना पड़ता है।

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जापान के याकूजा संगठित अपराध संगठन में जिस अपराधी के लिंग में जितने मोती होते हैं, उसने उतने ही वर्ष जेल में बिताए हैं। आपको बता दें कि यह प्रथा अमेरिका में लोकप्रिय होती जा रही है और इसकी लोकप्रियता अमेरिकी जेलों में भी फैल रही है। लिंग की डंडी की त्वचा पर एक छोटा और मामूली चीरा लगाया जाता है और इसके बाद प्लास्टिक या धातु के मोतियों को लिंग में डाल दिया जाता है।

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