जब तक गाड़ियां क्रॉस नहीं कर जातीं, तब तक गाड़ी में बैठे लोगों की सांस हलक में अटकी रहती है। इस कारण से लोकल अथॉरिटी ने यहां चलने की स्पीड लिमिट रखी है। वहीं 20 टन से भारी ट्रकों को गुजरने की इजाजत नहीं है। बता दें कि इसे 1978 में चीनी और पाकिस्तानी इंजीनियर्स ने बनाया था। इससे गुजरने के दौरान लोगों की सांसें हलक में अटकी रहती है। बावजूद इसके लोग मजबूरी में इस ब्रिज से गुजरते हैं।

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