अब मंदिर में सिर्फ भगवान स्वामीनारायण का एक पेंटिंग ही है, जिसकी लोग पूजा-पाठ करते हैं। हालांकि, मंदिर अब भी अपनी प्राचीन भव्यता लिए हुए है। दूर-दराज से लोग यहां आते हैं। जानकारी के अनुसार, हर त्योहार के मौके पर इस मंदिर को सजाया जाता है और गरीबों के लिए मुफ्त खाने-पीने की व्यवस्था होती है।
इस विशाल और भव्य मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इसमें किसी भी भगवान की मूर्ति नहीं है, लेकिन फिर भी यहां भक्तों की भारी भीड़ जमा रहती है। पाकिस्तान में स्वामीनारायण संप्रदाय का यह पहला मंदिर है।
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