दुश्मनों के लिवर और टेस्टिकल खाने का भी आरोप
74 साल के तियोदोरो ने तीन दशक पहले अंकल से सत्ता हथियाई थी और उन्हें फायरिंग स्क्वॉयड से मरवा दिया था। 1979 से वो देश की सत्ता संभाल रहे हैं। इस साल अप्रैल में दोबारा इलेक्शन के जरिए अपना कार्यकाल बढ़ाया। अपने पूर्वजों से उलट उन्होंने भले ही देश में कई पाबंदियां हटाई हैं, लेकिन देश पर उनका पूरा कंट्रोल है। एक प्रतिद्वन्दी ने बताया कि तियोदोरो ने कैसे एक पॉलिटिकल कमिश्नर को अपनी क्रूरता का शिकार बनाया था। दफनाने से पहले तानाशाह ने खाने के लिए उसके शरीर से टेस्टिकल्स (अंडकोष), दिमाग और ब्रेन तक निकाल लिया था। क्रूरता का सबसे बड़ा उदाहरण 2010 का वो मामला है, जिसमें तियोदोरो ने बेनिन में देश से भाग निकलने वाले चार लोगों को अगवा करा लिया था। इसके बाद उन्हें तब तक टॉर्चर किया गया, जब तक कि उन्होंने अपनी गलती नहीं कबूल कर ली।
खुद को मानता है भगवान
लोगों की नजर में ये क्रूर तानाशाह खुद को ईश्वर का करीबी मानता है। हलांकि उन्होंने अपने देश में कई पाबंदियां खत्म करवाई, लेकिन इन सबके बावजूद मानवाधिकार अधिकारी उन्हें क्रूर शासक मानते हैं।