देखते ही देखते स्टॉल पर रखे सारे व्यंजन खत्म हो गये। इसके बाद से वे लोग लगातार इन व्यंजनों की मांग कर रहे हैं। सिन्हा ने बताया कि अमेरिका में बिहार-झारखंड के इस तरह के पारंपरिक व्यंजनों को बनाने और उसे बेचने वाले ग्रुप का नाम स्पर्श है। इस ग्रुप से 150 लोग जुड़े हुए हैं।

 

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