अमेरिका के एप्‍पलटन शहर में रहने वाली जेरिका बोलेन की उम्र अभी 14 साल ही थी। लेकिन इन सालों में उसने वो सबकुछ अनुभव कर लिया जो हमारे और आपके बस के बाहर है। जेरिका जब आठ साल की थी तो उसे स्‍पाइनल मस्‍क्‍ुलर एट्रोफी नामक बीमारी हो गई। जिसके चलते जेरिका चलने-फिरने में असमर्थ हो गई। उसके शरीर का निचला हिस्‍सा काम करना बंद कर चुका था। शरीर का एक भाग जो मूवमेंट कर सकता था, वो था उसका सिर। जेरिका की मां जेन बोलेन ने अपनी बेटी की हर संभव मदद की। जितना अच्‍छा इलाज हो सके, वो करवाया। लेकिन आखिर में जब कहीं कोई उम्‍मीद नहीं दिखी तो जेरिका ने अपनी मां से कह दिया, कि उसे अब मरना है।

जेरिका की यह बात सुनकर मां को काफी रोना आया लेकिन जेरिका को होने वो असहनीय दर्द से छुटकारा पाने का सिर्फ यही रास्‍ता था। जेन बोलेन अपनी बेटी को अंतिम विदाई देना चाहती थीं, उन्‍होंने एक लोकल न्‍यूज चैनल पर अपनी बेटी के मरने की इच्‍छा को वायरल किया। जेरिका की उस आखिरी इच्‍छा को सुनकर हर आंख में आंसू थे। और दो महीने बाद जेरिका इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चली गई।

जेरिका को काफी दर्द होता था। वह चाहती थी कि उसकी मां उसके पास रहें। जेन बोलेन अपनी बेटी को हर वो खुशी देनी चाही जो वह कर सकती थीं। एक दिन जब जेरिका अपने दर्द से हार गई तो उसने मां से इलाज बंद करवाने को कहा। जेन को शुरुआत में काफी अजीब लगा लेकिन उन्‍होंने सोचा कि आखिर कोई दूसरा ऑप्‍शन भी नहीं है। जेरिका के इस फैसले के बाद भी वह काफी हंसमुख रहती थी। जेरिका अपनी जिदंगी के आखिरी क्षणों में भी चेहरे पर मुस्‍कान लिए थी।

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