सालों से चली आ रही परंपरा के तहत यहां की महिलाएं समझती है कि अगर उसका पति उसे नहीं मारता-पिटता है तो इसका मतलब है कि वह उससे प्यार नहीं करता। इसी कारण से यहां अधिकतर महिलाओं के पैर, हाथ सहित शरीर के दूसरे अंगों में फैक्चर होना आम बात है।

सोचने वाली बात यह है कि यहां की सरकार ने इस परंपरा को बंद करने के लिए कानून बना रखा है। घरेलू हिंसा के मामलों में पांच साल की सजा का प्रावधान है, इसके बावजूद समाज पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।

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