जहां लोगों को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया है क्योंकि उनके पास मोबाइल फोन था और आईएसआईएस को शक था कि इनका इस्तेमाल इराकी सेना को जानकारी देने के लिए किया जा रहा है। शवों के साथ एक नोट भी छोड़ा गया है जिसपर लिखा हुआ है, ‘मोबाइल फोन का इस्तेमाल इराकी सेना तक खुफिया जानकारी पहुंचाने के लिए किया गया, इसलिए इन्हें फांसी दी जा रही है।’

यूएन हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीस (UNHCR)ऑफिस की रिपोर्ट के मुताबिक बीते मंगलवार को भी आईएसआईएस ने मोसुल में 40 नागरिकों को इराकी सेना से साठगांठ करने के शक में गोली से उड़ा दिया। इन लोगों को पहले नारंगी रंग के कपड़े पहनाए गए और उसपर लाल रंग से यह लिखा गया कि ये लोग इराकी सेना के एजेंट हैं।

1 2
No more articles